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मंगलवार, अप्रैल 22, 2025
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 27 लोगों की जान चली गई है, जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस घटना ने एक बार फिर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब सरकार और सुरक्षा एजेंसियां दावा कर रही थीं कि घाटी में स्थिति नियंत्रण में है और आतंकवाद पर लगाम कसी जा रही है। लेकिन इस हमले ने इन दावों की पोल खोल दी है। मृतकों में स्थानीय नागरिक और सुरक्षाकर्मी दोनों शामिल हैं, जिससे हमले की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हमले के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इस घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह थोड़ी देर में श्रीनगर, कश्मीर के लिए रवाना होंगे। उनका दौरा घाटी में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद अभी भी जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सरकार को अब सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आतंकवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस दुखद घटना ने न केवल उन परिवारों को गहरा शोक दिया है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया, बल्कि पूरे देश को भी स्तब्ध कर दिया है। यह समय है जब हम सभी को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ देना चाहिए।
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