पिता की पुण्यतिथि पर पुत्री जानवी ने किया रक्तदान, सेवा के संस्कारों को किया जीवंत

पिता की पुण्यतिथि पर पुत्री जानवी ने किया रक्तदान, सेवा के संस्कारों को किया जीवंत

बुन्देली न्यूज़,
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पिता की पुण्यतिथि पर पुत्री जानवी ने किया रक्तदान, सेवा के संस्कारों को किया जीवंत
छतरपुर - रक्तदान सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि किसी की यादों को जीवंत रखने और जरूरतमंदों की सेवा करने का एक अनमोल माध्यम है। नगर की एक बेटी, जानवी निगम ने अपने स्वर्गीय पिता श्री एम एल मानव की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रक्तदान कर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया। रक्तवीर सेवा दल के सक्रिय सदस्य अमित जैन ने इस अवसर पर जानवी के सेवाभाव की सराहना की।
जानवी निगम के लिए यह रक्तदान केवल एक सामाजिक कार्य नहीं था, बल्कि अपने पिता के प्रति गहरा सम्मान और उनके द्वारा दिए गए सेवा के मूल्यों को आगे बढ़ाने का एक संकल्प था। रक्तदान करते हुए जानवी ने भावुक मन से कहा, "मेरे पिता ने मुझे हमेशा दूसरों की मदद करने और सेवा करने के संस्कार दिए। आज उनकी पुण्यतिथि पर रक्तदान कर मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हूं। यह मेरे लिए पीड़ितों की सेवा करने के साथ-साथ अपने पिता के आदर्शों को जीवित रखने का भी एक तरीका है।"
उनकी यह पहल न केवल उनके पिता के प्रति उनके गहरे प्रेम और सम्मान को दर्शाती है, बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। जानवी ने सभी स्वस्थ नागरिकों से रक्तदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि "रक्तदान जीवनदान है। यह एक ऐसा दान है जिससे हम किसी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं। मैं सभी से अपील करती हूं कि आगे आएं और रक्तदान कर इस पुण्य कार्य में अपना योगदान दें।"
रक्तवीर सेवा दल के अमित जैन ने जानवी के इस निस्वार्थ कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी यह पहल अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि जानवी ने अपने पिता की पुण्यतिथि को एक यादगार और सार्थक कार्य में बदलकर समाज के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। ऐसे युवा आगे आएं और रक्तदान के महत्व को समझें, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
जानवी निगम का यह कदम यह भी दर्शाता है कि सेवा और परोपकार के संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहते हैं। उनके पिता ने उन्हें जो मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ाया, उसे जानवी आज अपने कार्यों से साकार कर रही हैं। उनकी यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है जो अपनों की यादों को सार्थक रूप देना चाहते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं।
आज के दौर में जब रक्तदान की आवश्यकता लगातार बनी रहती है, जानवी निगम जैसी बेटियां आगे आकर न केवल जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं, बल्कि अपने प्रियजनों की यादों को भी अमर बना रही हैं। उनका यह रक्तदान एक मौन संदेश है कि प्यार और सेवा की भावना मृत्यु के बाद भी जीवित रहती है और दूसरों के जीवन को रोशन करती है।

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