रिश्तों का कत्ल: 2024-25 में पति-हत्या के कुछ सनसनीखेज मामले, पत्नी-प्रेमी गठजोड़ प्रमुख,
नई दिल्ली: 2024 और 2025 के शुरुआती महीनों में, देश के विभिन्न हिस्सों से पतियों की हत्या के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिन्होंने रिश्तों में बढ़ते अविश्वास और क्रूरता को उजागर किया है। इन मामलों में एक चौंकाने वाला पैटर्न यह रहा है कि अक्सर पत्नियों पर ही अपने पति की हत्या की साजिश रचने या उसे अंजाम देने का आरोप लगा है, जिसमें कई बार उनके प्रेमियों की संलिप्तता भी सामने आई है। ये घटनाएं समाज में रिश्तों की बदलती गतिशीलता और गहरे होते व्यक्तिगत संघर्षों की ओर इशारा करती हैं।
प्रमुख मामले और उनके चौंकाने वाले विवरण:
1. राजा रघुवंशी हत्याकांड: 'सेल्फी मौत' का ड्रामा और 'मांगलिक' बहाना (इंदौर/मेघालय, 2025)
यह 2025 के सबसे वीभत्स और पेचीदा मामलों में से एक है। इंदौर के जाने-माने व्यवसायी राजा रघुवंशी की मेघालय में हत्या कर दी गई थी। जांच में जो खुलासा हुआ, वह बेहद चौंकाने वाला था। पुलिस के अनुसार, राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी राज कुशवाह और दो सुपारी किलर्स (सुमित और भरत) के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी। सोनम ने कथित तौर पर पहले अपने पति को शराब पिलाई, फिर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।
इस मामले में एक और हैरान करने वाला पहलू सामने आया था कि सोनम ने अपने पति की मौत को एक दुर्घटना या 'सेल्फी लेते समय गिरकर मौत' दिखाने की कोशिश की थी। इसके लिए उसने बकायदा पति के साथ सेल्फी ली और फिर उसे खाई में धकेलने का प्लान बनाया था। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि सोनम कथित तौर पर 'मांगलिक दोष' का बहाना बनाकर राजा से छुटकारा पाना चाहती थी, लेकिन मुख्य मकसद उसका राज कुशवाह के साथ संबंध था। यह मामला न केवल रिश्तों में धोखे बल्कि क्रूरता की पराकाष्ठा को दर्शाता है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
2. सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश) में प्रेम प्रसंग का खूनी अंत (जून 2025)
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से जून 2025 में सामने आया एक मामला बताता है कि कैसे प्रेम प्रसंग ने 18 साल के वैवाहिक रिश्ते को तबाह कर दिया। यहां एक पत्नी ने कथित तौर पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, महिला ने पहले पति को जहर दिया, फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे नदी में फेंक दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस की गहन जांच और सबूतों के आधार पर पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि अवैध संबंध कैसे गंभीर अपराधों को जन्म दे सकते हैं।
3. सांगली (महाराष्ट्र) में शादी के 15 दिन बाद पति की हत्या (जून 2025)
महाराष्ट्र के सांगली जिले में जून 2025 में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां एक 27 वर्षीय महिला ने अपनी शादी के सिर्फ 15 दिन बाद अपने 53 वर्षीय पति अनिल लोखंडे की कथित तौर पर हत्या कर दी। पुलिस जांच में सामने आया कि पति द्वारा 'शारीरिक संबंध बनाने की बार-बार जिद' और इस पर हुए विवाद के कारण महिला ने यह कदम उठाया। यह मामला पति-पत्नी के बीच अपेक्षाओं और सहमति के महत्व पर गंभीर सवाल उठाता है और दर्शाता है कि रिश्तों में सामंजस्य की कमी किस हद तक जा सकती है।
4. मेरठ और औरैया (उत्तर प्रदेश) में पत्नी-प्रेमी गठजोड़ के दो और मामले (मार्च-अप्रैल 2025)
उत्तर प्रदेश में 2025 की शुरुआत में भी ऐसे ही दो मामले सामने आए। मेरठ में सौरभ हत्याकांड में पत्नी मुस्कान रस्तोगी पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा। जांच में यह भी सामने आया कि मुस्कान ने कथित तौर पर कई महीनों पहले से ही इस हत्या की योजना बनानी शुरू कर दी थी। इसी तरह, औरैया में दिलीप की हत्या के मामले में भी पत्नी और उसके प्रेमी की संलिप्तता सामने आई थी। इन मामलों ने राज्य में अपराध के पैटर्न पर चिंताएं बढ़ा दी हैं, जहां अवैध संबंध अक्सर खूनी अंजाम तक पहुंच रहे हैं।
5. बाड़मेर (राजस्थान) में 'मजदूर पति' से पीछा छुड़ाने की सनक (मई 2024)
मई 2024 में राजस्थान के बाड़मेर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। एक पढ़ी-लिखी पत्नी ने अपने मजदूर पति से छुटकारा पाने के लिए कथित तौर पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, महिला को अपने मजदूर पति का काम पसंद नहीं था और वह उससे असंतुष्ट थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने में भी महिला ने अपने प्रेमी की मदद की थी। यह घटना सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के अंतर और व्यक्तिगत पसंद को लेकर बढ़ते संघर्षों को दर्शाती है।
विश्लेषण और चिंताएं:
ये मामले समाज में रिश्तों की कमजोर होती बुनियाद, व्यक्तिगत असंतोष और नैतिकता के गिरते स्तर को दर्शाते हैं। अवैध संबंध, घरेलू विवाद, और आर्थिक कारण अक्सर इन जघन्य अपराधों के मूल में पाए जाते हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन मामलों में त्वरित कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं की बढ़ती संख्या समाजशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह आवश्यक है कि पारिवारिक परामर्श, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नैतिक शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाए ताकि ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। इन मामलों में न्यायिक प्रक्रिया जारी है और दोषियों को उनके अपराधों के लिए कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा।
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