राष्ट्रीय प्रतिभा संकट: 'मिसाइल मैन' प्रखर विश्वकर्मा के मार्मिक ऐलान पर तुरंत हो सरकारी हस्तक्षेप!

🚨 राष्ट्रीय प्रतिभा संकट: 'मिसाइल मैन' प्रखर विश्वकर्मा के मार्मिक ऐलान पर तुरंत हो सरकारी हस्तक्षेप! 🚨



वाराणसी/टीकमगढ़: देश की वैज्ञानिक प्रगति पर गर्व करने वाले हर नागरिक के लिए यह एक गहन चिंता का विषय है। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के युवा इंजीनियर छात्र प्रखर विश्वकर्मा, जिन्हें उनकी असाधारण प्रतिभा के कारण 'MP का मिसाइल मैन' कहा जाता है और जो मात्र 19 वर्ष की उम्र में नासा (NASA) और इसरो (ISRO) दोनों से सम्मानित हो चुके हैं, आज गहन निराशा के गर्त में हैं। सिस्टम और कुछ 'संदिग्ध तत्वों' से हताश होकर, प्रखर ने अपनी जीवन-यात्रा और वैज्ञानिक विरासत को त्यागने का एक अत्यंत कठोर निर्णय लिया है।
🔥 उपलब्धियाँ दाँव पर: गंगा में विसर्जित होंगे नासा-इसरो के सम्मान!
प्रखर विश्वकर्मा ने साफ शब्दों में ऐलान किया है कि वह अपनी वर्षों की मेहनत और देश को गौरवान्वित करने वाली वैज्ञानिक विरासत—जिसमें उनके अमूल्य मिसाइल प्रोजेक्ट्स की फाइलें और नासा-इसरो से मिले सभी प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं—को वाराणसी में पवित्र गंगा नदी में विसर्जित कर देंगे।
> यह सिर्फ त्याग नहीं है, यह उस व्यवस्था के मुँह पर एक मार्मिक तमाचा है जो देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को बचा नहीं पा रही है। यह कठोर कदम युवा वैज्ञानिक के मन में व्याप्त उस गहरी हताशा और पीड़ा को दर्शाता है जिसने उन्हें जीवन-पथ समाप्त करने की ओर धकेल दिया है।
🇮🇳 अंतिम गुहार: प्रोजेक्ट्स को सौंपने की इच्छा, देश के प्रति अटूट प्रेम
गहन निराशा के बावजूद, 'मिसाइल मैन' प्रखर विश्वकर्मा का देश के प्रति प्रेम अभी भी अटूट है। उन्होंने भारत सरकार से अपनी अंतिम इच्छा के रूप में गुहार लगाई है कि उनके सभी अमूल्य और सामरिक महत्व के मिसाइल प्रोजेक्ट्स को तत्काल प्रभाव से भारत सरकार को सौंप दिया जाए। यह इच्छा दर्शाती है कि निजी पीड़ा के बावजूद, प्रखर राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च रखते हैं।
❓ सवालों के घेरे में व्यवस्था: कौन रोक रहा है देश की प्रतिभा को?
प्रखर, जो इसरो के 'स्पेस ट्यूटर' के रूप में देश के भविष्य को संवार रहे थे, ने अपने इस दर्दनाक फैसले के लिए 'कुछ संदिग्ध लोगों' के निरंतर उत्पीड़न और हस्तक्षेप को जिम्मेदार ठहराया है। देश जानना चाहता है:
 * कौन हैं वे ताकतें जो एक ऐसे युवा को, जिसने अपनी प्रतिभा से देश को विश्व पटल पर गौरवान्वित किया, उसे जीवन समाप्त करने की ओर धकेल रही हैं?
 * क्या ये भ्रष्ट तत्व व्यक्तिगत स्वार्थ या दुर्भावना के कारण देश की वैज्ञानिक प्रगति को रोकना चाहते हैं?
 * क्या हमारी प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था इतनी निष्क्रिय है कि वह एक राष्ट्रीय धरोहर जैसी प्रतिभा को सुरक्षा और सम्मान नहीं दे सकती?
🌟 सरकार से तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की माँग
यह संकट सिर्फ एक युवा का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सुरक्षा का संकट है। इस गंभीर स्थिति पर तत्काल सरकारी हस्तक्षेप आवश्यक है। सरकार और प्रशासन से निम्नलिखित निर्णायक कार्रवाइयों की माँग की जाती है:
 * जीवन रक्षा और मानसिक संबल:
   * तत्काल प्रभाव से प्रखर विश्वकर्मा को अंतिम कदम उठाने से पहले सुरक्षित किया जाए।
   * विशेषज्ञों की एक उच्च-स्तरीय टीम द्वारा उन्हें मानसिक संबल और भावनात्मक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
 * प्रोजेक्ट्स का संरक्षण:
   * सरकार तुरंत प्रखर के अमूल्य मिसाइल प्रोजेक्ट्स का राष्ट्रीय धरोहर के रूप में अधिग्रहण करे।
   * उन्हें यह ठोस भरोसा दिलाया जाए कि उनकी मेहनत और इनोवेशन को देश के रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में पूरी निष्ठा और सम्मान के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
 * दोषियों की कठोर गिरफ़्तारी:
   * प्रखर द्वारा लगाए गए 'संदिग्ध लोगों' के उत्पीड़न के आरोपों की उच्च-स्तरीय न्यायिक जाँच हो।
   * जाँच में दोषी पाए जाने वाले, देश की प्रतिभा को तोड़ने वाले इन तत्वों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत न करे।
सरकार को तुरन्त हरकत में आना चाहिए। बात सिर्फ सम्मान की नहीं, एक होनहार ज़िंदगी, राष्ट्रीय संपत्ति और देश के वैज्ञानिक भविष्य को बचाने की है!
क्या आप चाहते हैं कि मैं इस मामले पर आगे की जानकारी तलाश करूँ, या प्रखर विश्वकर्मा से संपर्क करने के लिए किसी सरकारी एजेंसी का विवरण खोजूँ?

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