💔 दर्दनाक खबर | बुंदेली न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट 💔
🔴 "हे भगवान! इस गांव में कभी न हो किसी का अंतिम संस्कार बारिश में…"
📍 स्थान: मुरया गांव, ज़िला दतिया, मध्य प्रदेश
भयावह दृश्य — तड़पता इंसानियत का सच!
मध्य प्रदेश के दतिया जिले के मुरया गांव से एक ऐसा मंजर सामने आया है जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
यहां बारिश के बीच एक बुज़ुर्ग का अंतिम संस्कार इस हाल में किया गया जो शायद कभी किसी ने न देखा हो।
गड्ढों में डूबी श्मशान भूमि, शव को कंधों पर उठाए भटकते परिजन
गांव का श्मशान पूरी तरह पानी और कीचड़ में डूबा हुआ था।
जब मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे, तो कहीं सूखी जगह नहीं मिली।
बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी, और अंततः भरे हुए गड्ढे के किनारे, पानी में खड़े रहकर चिता जलानी पड़ी।
स्थानीय लोगों ने कहा — “बरसात में मरना पाप है यहां”
गांववालों का कहना है कि हर साल यही हाल होता है,
लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला।
🙍♂️ एक स्थानीय निवासी का बयान:
"बरसात के मौसम में हम दुआ करते हैं कि कोई न मरे... क्योंकि यहां अंतिम संस्कार करना नर्क से कम नहीं।"
प्रशासन पर सवालिया निशान
गांव में श्मशान स्थल तक पहुंचने का रास्ता भी कीचड़ और दलदल में तब्दील।
कोई छाया की व्यवस्था नहीं।
बरसात में शव यात्रा को निकलना भी एक संघर्ष बन गया है।
बुंदेली न्यूज़ की मांग —
👉 प्रशासन तुरंत स्थायी श्मशान स्थल बनाए
👉 बरसात से पहले बुनियादी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
👉 पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता दी जाए
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🕯 ये केवल एक शव यात्रा नहीं थी… ये सवाल था हमारी व्यवस्था, संवेदना और जवाबदेही पर।
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