मेरे स्वाथ्य केंद्र की टॉयलेट साफ कर दो मैं तुम्हे 10 रुपए दूंगी, हॉस्पिटल मैं पदस्थ महिला कर्मचारी

मेरे स्वाथ्य केंद्र की टॉयलेट साफ कर दो मैं तुम्हे 10 रुपए दूंगी, हॉस्पिटल मैं पदस्थ महिला कर्मचारी,

एक तरफ कोरोना वायरस से लड़ने में मेडिकल स्टाफ दिन रात सेवा कर रहे है। वही दूसरी और छतरपुर जिले के हरपालपुर के समीप ग्राम गुढे के प्राथमिक उप स्वाथ्य केंद्र मैं पदस्थ होसपीतल स्टाफ की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है, ग्रामीणों का कहना है कि उप स्वाथ्य केंद्र कभी टाइम पे नही खुलता, खुलना ही क्या कई दिनों तक कोई पदस्थ मेडिकल स्टाफ आता ही नही है, अगर आ भी जाये तो क्या मरीजों को कोई सुविधा तक मुहैया नही कराई जाती, अगर कोई ग्रामीण इलाज कराने होसपीतल आ भी जाये तो वहाँ पदस्थ महिला स्टाफ ग्रामीणों से बोलती है कि तुम मेरी  स्वाथ्य केंद्र मैं बनी हुई टॉयलेट साफ कर दो तो मैं तुम्हे 10 रुपए दूंगी, इस तरह की हरकत हॉस्पिटल स्टाफ के द्वारा की जाती है, वही बच्चों ने भी मुह पे बोल दिया कि आप मेरी टॉयलेट साफ कर दो बदले मैं तुम्हे 20 रुपए दूँगा, जहा देश मे फैली कोरोना जैसी विश्व व्यापी महामारी मैं समस्त मेडिकल स्टाफ देश की सेवा कर रहे है वही दूसरी ऒर ग्राम गुढे के उप स्वाथ्य केंद्र मैं इस तरह का रवैया अविस्मरणीय है, वही उप स्वाथ्य केंद्र के पीछे कई  दबाए फेंकी गई है उन्हें नष्ट करने की कोशिश की गई है अगर वह जरूरत मंद तो मिलती तो उनका नुकशान होने से बच जाता पर वो दवा क्यों एक्सपायर हुई यह एक सोचनीय विषय है, अगर स्वाथ्य केंद्र बंद किया जाना था तो उन दवाईयों को निकाला क्यों नही गया आखिर शाशन के पैसों का दुरूपयोग क्यों,प्रशासन को इस लापरवाही पे ठोस कदम उठाते हुए कार्यवाही करनी चाहिए और दोषियों के ऊपर एफआईआर दर्ज करानी होगी, वही विवादों से बंचित नही होते प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र हरपालपुर मैं भी कई बार लापरवाही देखी गयी है, पर कोरोना के संकट को देखते प्रशासन देखते हुए बी अनदेखा किये हुए वही डॉ अपनी लापरवाहीयों को सुधारने की ओर कोई ध्यान देना जरूरी नही समझ रहा है, आखिर देखना है कि प्रशासन कब तक इन लापरवाह अफसरों के ऊपर मेहरवान बना रहता है,

बुन्देली न्यूज़

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