ब्रह्माकुमारीज हरपालपुर आश्रम पर मनाया श्री गणेश चतुर्थी महोत्सव इस अवसर पर विशेष श्री गणेश जी की चैतन्य झांकी लगाई,
श्री गणेश जी के दिव्य जीवन से कोई एक गुण या विशेषता को लेकर स्वयं के जीवन में आत्मसात करें स्वयं निर्विघ्न रहकर औरों को भी निर्विघ्न रहने के लिए प्रेरित करे --- ब्रह्माकुमारी आशा
विघ्नहर्ता गणपति श्री गणेश जी का जीवन सीखना है हमे जीवन के महान सूत्र,
इस अवसर विघ्नहर्ता गणपति गजानन श्री गणेश जी के व्यक्तित्व के बारे में और जो उनको अलंकार दिए गए हैं उनका आध्यात्मिक रूप से विस्तार के रूप में समझाया जैसे श्री गणेश जी को लंबी सूड़ दिखाते हैं, जो आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है शक्तिशाली सूड के द्वारा बड़े-बड़े वृक्ष और छोटे से छोटी चीज को सहज हटा देते हैं अर्थात हम ज्ञान की शक्ति से कैसे भी परिस्थिति का सामना कर और उसे खत्म कर सकते हैं
श्री गणेश जी के बड़े-बड़े कान सुनने का प्रतीक है कि स्वयं के लिए जो आवश्यक बातें कही जाती है उनका ध्यान पूर्वक सुने जो हमारे जीवन के लिए जरूरी नहीं है उसको एक कान से सुन दूसरे कान से निकालते जाएं
श्री गणेश जी के हाथ में लड्डू मुख मीठा करने का प्रतीक है अर्थात स्वयं भी अच्छे शब्द बोले और दूसरों को भी सुख देने वाले शब्द बोले जो जीवन में मधुरता लाये और संबंधों को सहज बनाएं
*श्री गणेश जी का बड़ा पेट सामने की शक्ति का प्रतीक है* जीवन में जो भी निंदा स्तुति मान अपमान जो भी आए वह जीवन में अपने अंदर समेट जाएं यही ज्ञानवान की निशानी है और साथ ही छोटी आंखें दूर दृष्टि का प्रतीक है जो कोई कार्य करने से पहले उसके विषय पर चिंतन करके फिर कार्य करते हैं
इस मनमोहक झांकी में सुंदर नृत्य बाल कलाकारों के द्वारा किए गए अंत में सभी ने आरती की और श्री गणेश जी के हाथों से प्रसाद वितरण करवाया गया
बुन्देली न्यूज़,
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