महोबा के ऐतिहासिक श्री गोपाल जी मंदिर धौंसा में गुरु पूर्णिमा का भव्य आयोजन: भक्ति और उत्साह का संगम
धौंसा, महोबा, उत्तर प्रदेश – महोबा ज़िले के धौंसा ग्राम स्थित प्राचीन और अद्वितीय श्री गोपाल जी मंदिर में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व बड़े ही उत्साह, श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया. अपने सहस्राब्दियों पुराने इतिहास और मनमोहक स्थापत्य कला के लिए विख्यात यह मंदिर, गुरु पूर्णिमा के विशेष अवसर पर भक्तों के सैलाब से उमड़ पड़ा. पूरा क्षेत्र मानो भक्ति के रंग में सराबोर हो गया.
आस्था और परंपरा का अद्भुत समागम
सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था. श्रद्धालुओं ने भगवान श्री गोपाल जी के दर्शन किए और अपने गुरुओं का स्मरण कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. मंदिर के मुख्य महंत हरिदास जी और श्यामा शरण जी के सान्निध्य में, पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विशेष पूजा-अर्चना की, जिससे वातावरण और भी दिव्य हो उठा. इस दौरान भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया, जिसकी स्वर लहरियों ने पूरे क्षेत्र में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया.
विशाल भंडारे में उमड़े श्रद्धालु
गुरु पूर्णिमा के इस पुण्य अवसर पर मंदिर प्रबंधन द्वारा एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. सैकड़ों भक्तों ने पंक्तिबद्ध होकर श्रद्धापूर्वक प्रसाद ग्रहण किया. इस सामूहिक भोज में सभी वर्ग और समुदाय के लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया, जो भारतीय संस्कृति की 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना को परिलक्षित करता है. पत्रकार जगत से सुनील विश्वकर्मा (वरिष्ठ पत्रकार) और कुलदीप वर्मा (संपादक, बुंदेली न्यूज़) ने भी इस पवित्र भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया.
गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थिति
इस भव्य आयोजन को और भी गरिमामय बनाने के लिए कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष मोहन लाल कुशवाहा, एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर, ब्लॉक प्रमुख संदीप राजपूत, व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष भागीरथ सिंह, कुलपहाड़ के चेयरमैन वैभव अज़रिया, जिला उपाध्यक्ष डॉ. कमलेश सक्सेना, प्रधान हरिमोहन दुबे जी, और ब्रजमोहन दुबे जी जैसे कई प्रमुख व्यक्तित्व मौजूद रहे. इन गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने स्थानीय समुदाय में और भी उत्साह भर दिया और मंदिर के प्रति उनकी आस्था को सुदृढ़ किया.
मंदिर की अद्भुत विरासत और महत्व
श्री गोपाल जी मंदिर धौंसा सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि यह महोबा ज़िले की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसकी प्राचीन वास्तुकला, दीवारों पर उकेरी गई बारीक नक्काशी और शांत वातावरण इसे एक अद्वितीय पहचान देते हैं. मंदिर के बुजुर्ग बताते हैं कि यह सदियों से आध्यात्मिक शांति और प्रेरणा का केंद्र रहा है. गुरु पूर्णिमा जैसे पर्व इस मंदिर के महत्व को और भी बढ़ाते हैं, जब बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने और गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यहाँ एकत्र होते हैं.
इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि श्री गोपाल जी मंदिर, धौंसा, महोबा के आध्यात्मिक परिदृश्य में एक अमूल्य रत्न है, और यह अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवंत रखे हुए है. bundelenews.in
0 टिप्पणियाँ