जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्रशासन का मानवीय चेहरा: 'चपरन' के ग्रामीणों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाने की पहल, आपदा पूर्व तैयारी का उत्कृष्ट उदाहरण,
सरसेड़, 12 जुलाई 2025: जिला कलेक्टर के कुशल मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में, धसान नदी के बढ़ते जलस्तर से उत्पन्न संभावित खतरों से निपटने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. हल्का 03 सरसेड़ के मजरा चपरन में नदी किनारे रहने वाले लगभग 50 से अधिक परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, जो आपदा प्रबंधन की दिशा में एक सराहनीय कदम है.
आज, एसडीएम जी.एस. पटेल, तहसीलदार पीयूष दीक्षित, और जनपद सीईओ सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने स्वयं चपरन गांव का सघन दौरा किया. अधिकारियों ने ग्रामीणों से सीधे संवाद स्थापित किया, उनकी चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें धसान नदी के वर्तमान जलस्तर में हो रही लगातार बढ़ोतरी तथा उससे उत्पन्न होने वाली संभावित परेशानियों के बारे में विस्तार से समझाया. पिछले वर्ष का अनुभव अत्यंत महत्वपूर्ण है, जब इसी गांव में बाढ़ के पानी में अचानक वृद्धि होने के कारण 13 से अधिक लोगों को विषम परिस्थितियों में रेस्क्यू करना पड़ा था. इस बार, प्रशासन उस स्थिति की पुनरावृत्ति से बचने और एक भी जान का जोखिम न लेने के लिए एहतियाती कदम उठा रहा है.
मौके पर ही, एसडीएम जी.एस. पटेल और तहसीलदार पीयूष दीक्षित ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई रूप से निवास करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने सभी परिवारों को आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. इसके तुरंत बाद, उन्होंने सचिव सरसेड़ को स्पष्ट और कड़े निर्देश दिए कि वे ग्रामीणों के रहने के लिए सुरक्षित सरकारी भवनों, जैसे कि स्थानीय स्कूल या पंचायत भवन, में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं युद्धस्तर पर सुनिश्चित करें. इन व्यवस्थाओं में न केवल पर्याप्त आश्रय शामिल है, बल्कि स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, पौष्टिक भोजन, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पर विशेष जोर दिया गया है, ताकि विस्थापित परिवारों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.
जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में, एसडीएम जी.एस. पटेल, तहसीलदार पीयूष दीक्षित और जनपद सीईओ सदर पटवारी अंशू पांडे सहित पूरी प्रशासनिक टीम की यह सक्रियता और मानवीय दृष्टिकोण अत्यंत सराहनीय है. यह न केवल ग्रामीणों में विश्वास जगाती है, बल्कि उन्हें यह भी आश्वस्त करती है कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. यह पहल निश्चित रूप से भविष्य में होने वाली किसी भी बड़ी क्षति या मानवीय संकट को टालने में सहायक सिद्ध होगी और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेगी.
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