हरपालपुर,: वार्ड नंबर 2 में स्मार्ट मीटर लगाने का जोरदार विरोध,
हरपालपुर के वार्ड नंबर 2 में बिजली विभाग द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों का स्थानीय निवासियों ने जमकर विरोध किया है।
वार्डवासियों ने विभाग की इस पहल को अव्यावहारिक बताते हुए,
मीटर लगाने के काम को तुरंत रोकने की मांग की है।
आज सुबह से ही वार्ड नंबर 2 के कई निवासी एकजुट होकर, बिजली विभाग की टीम के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना है कि स्मार्ट मीटरों से बिजली बिलों में अनावश्यक वृद्धि होगी और उन्हें अपनी खपत पर उचित नियंत्रण नहीं मिल पाएगा। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने से पहले उनसे कोई सलाह नहीं ली और न ही इसके फायदों के बारे में ठीक से जानकारी दी।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमें डर है कि ये नए मीटर लगने के बाद हमारे बिजली के बिल बहुत बढ़ जाएंगे। हम पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं, ऐसे में यह अतिरिक्त बोझ हम पर डालना ठीक नहीं है।"
विरोध बढ़ता देख, बिजली विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वार्डवासी अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
फिलहाल, वार्ड नंबर 2 में स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया गया है और प्रशासन इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहा है।
मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के पीछे मुख्य उद्देश्य बिजली की खपत को अधिक सटीक बनाना, बिलिंग प्रक्रिया को आसान करना और उपभोक्ताओं को अपनी बिजली की खपत को बेहतर तरीके से समझने और नियंत्रित करने में मदद करना है।
स्मार्ट मीटर के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइन और नियम इस प्रकार हैं:
1. अनिवार्य प्री-पेड स्मार्ट मीटर
* नए कनेक्शन: नए बिजली कनेक्शनों के लिए अब स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाना अनिवार्य है।
* पुराने कनेक्शन: मौजूदा पोस्टपेड कनेक्शनों को भी चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट प्री-पेड मीटर में बदला जा रहा है। जिन क्षेत्रों में बिल वसूली में कठिनाई होती है, वहां प्राथमिकता दी जा रही है।
2. बिलिंग और भुगतान
* मोबाइल रिचार्ज की तरह: स्मार्ट मीटर मोबाइल रिचार्ज की तरह काम करेगा। आपको अपने मीटर को पहले से रिचार्ज कराना होगा। जैसे ही आपकी जमा राशि खत्म होगी, बिजली खुद बंद हो जाएगी (हालांकि, कंपनी अलर्ट भेजती है)।
* सटीक रीडिंग: स्मार्ट मीटर ऑटोमैटिक और सटीक रीडिंग प्रदान करते हैं, जिससे मानवीय हस्तक्षेप के कारण होने वाली गलतियों की गुंजाइश खत्म हो जाती है।
* दैनिक खपत की जानकारी: उपभोक्ता अपने मोबाइल ऐप (जैसे उपाय ऐप) के जरिए अपनी प्रतिदिन, साप्ताहिक या मासिक बिजली खपत आसानी से देख सकते हैं। इससे उन्हें आने वाले बिल का अनुमान लगाने में भी मदद मिलती है।
* ऑनलाइन बिल: हर महीने की 1 तारीख के बाद बिल मोबाइल या ईमेल पर जारी किया जाता है।
3. उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ
* छूट और प्रोत्साहन: नए टैरिफ ऑर्डर के अनुसार, स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को दिन के टैरिफ में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपयोग की गई बिजली पर 20 प्रतिशत की छूट मिल रही है। यह छूट घरेलू, गैर-घरेलू, सार्वजनिक जल कार्य और स्ट्रीट लाइट उपभोक्ताओं को मिलती है, जिनका लोड 10 किलोवाट तक है।
* सुरक्षा निधि से छूट: स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को सुरक्षा निधि (Security Deposit) जमा करने से छूट मिलती है। अगर उन्होंने पहले से सुरक्षा राशि जमा की है, तो उसका उपयोग पहले रिचार्ज के लिए किया जा सकता है।
* सुविधाजनक कनेक्शन/रिकनेक्शन: स्मार्ट मीटर से कनेक्शन कटने पर बिल का भुगतान करते ही बिजली तुरंत चालू हो जाती है, जिससे बिजली कंपनी के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
4. सोलर रूफटॉप और स्मार्ट मीटर,
* यदि आपके घर पर सोलर पैनल लगा है, तो स्मार्ट मीटर बिजली की खपत के साथ-साथ ग्रिड को वापस भेजी जाने वाली अतिरिक्त बिजली की भी रीडिंग लेगा। यह बायडायरेक्शनल मीटर होते हैं।
5. मीटर का मालिकाना हक और लागत
* स्मार्ट मीटर की स्थापना के लिए उपभोक्ताओं से कोई अग्रिम भुगतान (upfront payment) नहीं लिया जाता है।
* यदि मीटर उपभोक्ता की गलती (जैसे ओवरलोडिंग) से क्षतिग्रस्त होता है, तो उसे बदलने का खर्च उपभोक्ता को उठाना होगा। बिजली कंपनी लिखित में नुकसान का कारण बताएगी।
6. विवाद और समाधान
* स्मार्ट मीटर की रीडिंग में गड़बड़ी या बढ़े हुए बिलों को लेकर कुछ विवाद सामने आए हैं। उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उनके यहां लगा स्मार्ट मीटर प्रयोगशाला में टेस्टेड है।
* उपभोक्ता किसी भी समस्या के लिए बिजली वितरण कंपनी से संपर्क कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर राज्य बिजली नियामक आयोग (SERC) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
7. तकनीकी विशेषताएं
* स्मार्ट मीटर में समर्पित सीलेबल स्लॉट होता है जिसमें प्लग-इन प्रकार का द्वि-दिशात्मक संचार मॉड्यूल होता है, जो विभिन्न संचार प्रौद्योगिकियों (जैसे RF / सेलुलर) को मीटर के साथ एकीकृत करता है।
* इनमें पर्याप्त संख्या में रजिस्टर होते हैं और टाइम ऑफ डे (TOD) और kVAh या kWh-आधारित टैरिफ के लिए सुविधा होती है।
* स्मार्ट मीटर को AMI (एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर) एप्लीकेशन के साथ संगत होना चाहिए।
मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम केंद्र सरकार की RDSS (Revamped Distribution Sector Scheme) योजना के तहत किया जा रहा है। इसका लक्ष्य बिजली व्यवस्था को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है।
क्या आप स्मार्ट मीटर से जुड़ी किसी विशेष जानकारी जैसे कि शिकायत प्रक्रिया या तकनीकी पहलुओं के बारे में जानना चाहेंगे?
भोपाल, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में बिजली व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए स्मार्ट मीटरों की स्थापना तेजी से की जा रही है। इन मीटरों का लक्ष्य बिजली खपत की सटीक निगरानी, बिलिंग में पारदर्शिता और उपभोक्ताओं को अपनी ऊर्जा उपयोग पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करना है। हालांकि, इस बदलाव के साथ उपभोक्ताओं के मन में कई सवाल और चिंताएं भी उभरी हैं, खासकर बिजली आपूर्ति में व्यवधान, मीटर बदलने की प्रक्रिया और अनधिकृत रूप से मीटर बदलने की स्थिति में क्या करें। यह विस्तृत मार्गदर्शिका आपको अपने अधिकारों और शिकायत निवारण प्रक्रिया को समझने में मदद करेगी।
1. बिजली आपूर्ति में दिक्कत होने पर समाधान का समय और अपेक्षाएं
स्मार्ट मीटर लगने के बाद यदि आपको बिजली आपूर्ति में कोई समस्या (जैसे बिजली गुल होना, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव, या मीटर में खराबी) का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत वितरण कंपनी (DISCOM) को सूचित करना आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
* तत्काल शिकायत: अपनी स्थानीय बिजली वितरण कंपनी (जैसे मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी) के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत कॉल करें या उनके मोबाइल ऐप/ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करें। शिकायत दर्ज करते ही शिकायत संख्या (Complaint ID) अवश्य प्राप्त कर लें। यह भविष्य के संदर्भ के लिए महत्वपूर्ण है।
* समाधान की समय-सीमा:
* आमतौर पर, बिजली कंपनियों के उपभोक्ता सेवा चार्टर के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति संबंधी शिकायतों का निवारण कुछ घंटों (आमतौर पर 2 से 4 घंटे) के भीतर और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 से 48 घंटों के भीतर अपेक्षित होता है।
* मीटर में खराबी या तकनीकी समस्या होने पर, कंपनी को जांच कर उचित समय-सीमा में उसे ठीक करना या बदलना होता है। स्मार्ट मीटर की एक खूबी यह भी है कि कंपनी दूर से ही मीटर की स्थिति का पता लगा सकती है, जिससे समस्या की पहचान और समाधान में तेजी आ सकती है।
* क्या करें यदि देरी हो: यदि निर्धारित समय-सीमा में समस्या का समाधान नहीं होता है, तो अपनी शिकायत संख्या का हवाला देते हुए दोबारा फॉलो-अप करें।
2. मीटर बदलने से पहले उपभोक्ता को सूचना देना - आपका अधिकार
यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु है। बिजली वितरण कंपनियों को किसी भी उपभोक्ता के परिसर में मीटर बदलने से पहले उसे पर्याप्त और उचित पूर्व सूचना देना अनिवार्य है।
* सूचना का स्वरूप: यह सूचना लिखित रूप में (जैसे नोटिस, ईमेल या पंजीकृत डाक द्वारा) या स्पष्ट मौखिक सूचना के माध्यम से दी जानी चाहिए, जिसमें मीटर बदलने की तारीख और अनुमानित समय का उल्लेख हो।
* उपभोक्ता की उपस्थिति: नियमों के अनुसार, मीटर की जांच, रीडिंग लेना, या मीटर बदलने का कार्य उपभोक्ता की उपस्थिति में या उसके अधिकृत प्रतिनिधि की उपस्थिति में ही किया जाना चाहिए। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करने और किसी भी विवाद से बचने के लिए आवश्यक है।
* कारण का स्पष्टीकरण: कंपनी को मीटर बदलने का कारण भी स्पष्ट करना चाहिए, चाहे वह पुराना मीटर खराब हो गया हो, स्मार्ट मीटर अपग्रेडेशन हो, या कोई अन्य तकनीकी कारण हो।
3. बिना बताए मीटर बदलने पर क्या कार्यवाही और किससे शिकायत करें?
यदि बिजली कंपनी बिना किसी पूर्व सूचना, आपकी सहमति या आपकी अनुपस्थिति में आपका स्मार्ट मीटर बदल देती है, तो यह विद्युत अधिनियम और संबंधित नियमों का सीधा उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में आप निम्नलिखित सशक्त कदम उठा सकते हैं:
* तत्काल अपनी स्थानीय बिजली वितरण कंपनी से शिकायत:
* शिकायत दर्ज करें: सबसे पहले, अपनी बिजली कंपनी के मुख्य शिकायत केंद्र या वरिष्ठ अधिकारियों (जैसे संभागीय अभियंता/कार्यपालन अभियंता) से संपर्क करें।
* लिखित शिकायत: अपनी शिकायत को लिखित रूप में (ईमेल या पत्र द्वारा) दर्ज कराएं। इसमें घटना की तारीख, समय, पुराने और नए मीटर का नंबर (यदि उपलब्ध हो), और यह स्पष्ट रूप से बताएं कि आपको कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।
* प्रमाण इकट्ठा करें: यदि संभव हो, तो किसी पड़ोसी से गवाही, या घटना से संबंधित कोई भी तस्वीर/वीडियो (यदि कोई हो) जैसे प्रमाण इकट्ठा करें।
* उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (Consumer Grievance Redressal Forum - CGRF):
* यदि आपकी शिकायत का समाधान बिजली कंपनी द्वारा संतोषजनक ढंग से नहीं किया जाता है या निर्धारित समय-सीमा (आमतौर पर 15-30 दिन) में नहीं होता है, तो आप उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (CGRF) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
* प्रक्रिया: आप CGRF के कार्यालय में जाकर या उनकी वेबसाइट के माध्यम से शिकायत फॉर्म भर सकते हैं। अपनी शिकायत के साथ सभी संबंधित दस्तावेज (जैसे पुरानी शिकायत की कॉपी, मीटर बदलने से संबंधित कोई भी कागजात) संलग्न करें। CGRF आपकी शिकायत की सुनवाई करेगा और कंपनी को उचित निर्देश देगा।
* मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission - MPERC):
* यदि आप CGRF के निर्णय से असंतुष्ट हैं या CGRF द्वारा आपकी शिकायत का समाधान नहीं होता है, तो आप मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (MPERC) में अपील कर सकते हैं।
* MPERC राज्य में बिजली कंपनियों के कामकाज, टैरिफ और उपभोक्ता अधिकारों की निगरानी करने वाला सर्वोच्च नियामक प्राधिकरण है। यह आपकी अपील पर सुनवाई करेगा और अंतिम निर्णय देगा।
* उपभोक्ता फोरम/न्यायालय (Consumer Forum/Court):
* यदि उपरोक्त सभी नियामक माध्यमों से भी आपको न्याय नहीं मिलता है, तो आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता फोरम या उपभोक्ता न्यायालय में कानूनी सलाह लेकर मामला दर्ज कर सकते हैं। यह आपका अंतिम कानूनी विकल्प है। उपभोक्ता फोरम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए स्थापित किए गए हैं और वे सेवा में कमी या अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हैं।
4. स्मार्ट मीटर: फायदे और संभावित चुनौतियाँ
फायदे:
* सटीक बिलिंग: मानवीय त्रुटि के बिना सटीक रीडिंग।
* वास्तविक समय की खपत: उपभोक्ता अपने उपयोग को ट्रैक कर सकते हैं।
* ऊर्जा दक्षता: खपत पैटर्न को समझकर बिजली बचाने में मदद।
* प्री-पेड सुविधा: मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली का प्रबंधन।
* छूट और प्रोत्साहन: ऑफ-पीक घंटों में बिजली उपयोग पर विशेष छूट।
* बिजली चोरी पर नियंत्रण: कंपनियों के लिए बिजली चोरी का पता लगाना आसान।
संभावित चुनौतियाँ:
* तकनीकी खराबी: नए सिस्टम में शुरुआती तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं।
* बिल में बढ़ोतरी का डर: कुछ उपभोक्ताओं को लगता है कि स्मार्ट मीटर से बिल बढ़ रहे हैं, हालांकि कंपनियां इसे सटीक रीडिंग का परिणाम बताती हैं।
* गोपनीयता की चिंता: डेटा संग्रह को लेकर कुछ गोपनीयता संबंधी चिंताएं।
* समझ की कमी: कुछ उपभोक्ताओं को नई तकनीक और बिलिंग पैटर्न को समझने में कठिनाई हो सकती है।
5. उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
* जागरूक रहें: स्मार्ट मीटर से संबंधित सभी नियमों और अपने अधिकारों के बारे में जानकारी रखें।
* बिल की जांच करें: अपने बिजली बिल और ऐप पर दिखाई गई खपत की नियमित रूप से जांच करें।
* शिकायत दर्ज करें: किसी भी विसंगति या समस्या पर तुरंत और विधिवत शिकायत दर्ज करें।
* रिकॉर्ड रखें: सभी शिकायत संख्याओं, पत्राचार और संबंधित दस्तावेजों का रिकॉर्ड बनाए रखें।
* अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें: मीटर से संबंधित किसी भी कार्य के दौरान अपनी या अपने प्रतिनिधि की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष: स्मार्ट मीटर मध्य प्रदेश की बिजली व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपभोक्ताओं के रूप में, हमें इस नई तकनीक के लाभों को समझना चाहिए और साथ ही अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। किसी भी समस्या या नियमों के उल्लंघन की स्थिति में, सही चैनलों के माध्यम से अपनी आवाज उठाना और न्याय प्राप्त करना संभव है।
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