हरपालपुर में नियमों को दरकिनार कर अवैध प्लाटिंग का 'गोरख धंधा', शासन को लाखों के राजस्व का चूना

ब्रेकिंग न्यूज़: हरपालपुर में नियमों को दरकिनार कर अवैध प्लाटिंग का 'गोरख धंधा', शासन को लाखों के राजस्व का चूना

हरपालपुर: नगर हरपालपुर में भू-माफियाओं द्वारा नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग का कारोबार चलाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर के चारों ओर बड़े पैमाने पर प्लाटिंग की जा रही है, जिसके क्रय-विक्रय में न तो प्लाटों का नक्शा पास कराया गया है और न ही भूमि का डायवर्सन (भू-उपयोग परिवर्तन) कराया गया है। यह सीधे तौर पर शासन के लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाने का मामला है।
बिना लाइसेंस, धड़ल्ले से चल रहा कारोबार
आश्चर्य की बात यह है कि प्लाटिंग कर रहे अधिकांश व्यक्तियों के पास कॉलोनाइजर का वैध लाइसेंस तक नहीं है। कृषि भूमि को सीधे आवासीय प्लाटों में काटकर बेचा जा रहा है, जिससे खरीदारों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। यह सब जानते हुए भी प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
सुविधा शुल्क के आरोप में अधिकारी
गुप्त सूत्रों की मानें तो कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को 'सुविधा शुल्क' देकर इस अवैध गोरख धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी पूरी भनक है, फिर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है।
नगर पालिका अध्यक्ष ने जताई लाचारी
जब इस गंभीर विषय पर नगर पालिका अध्यक्ष से बात की गई, तो उन्होंने अपनी लाचारी व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पास इस मामले में कार्यवाही करने के पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
अवैध प्लाटिंग के इस खेल से शासन को भारी राजस्व हानि हो रही है, वहीं आम जनता को भी भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि जिला के वरिष्ठ अधिकारी इस गंभीर मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हैं या नहीं। क्या वे इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कोई बड़ा एक्शन लेंगे, या फिर यह लापरवाही और राजस्व की हानि का खेल यूं ही चलता रहेगा? यह खबर सीधे तौर पर शासन के विरोध में अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करती है।

नोट मामला गंभीर है जांच का विषय

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