पन्ना में मिला दुर्लभ पैंगोलिन: वन विभाग ने बचाया
पन्ना, मध्य प्रदेश: पन्ना जिले में एक दुर्लभ प्रजाति का जीव,
पैंगोलिन (वज्रशल्क), मिलने से हड़कंप मच गया. यह घटना जिले के सिमरिया क्षेत्र में सामने आई, जहां ग्रामीणों ने इस अनोखे जानवर को देखा और तत्काल वन विभाग को सूचित किया.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम सिमरिया के पास एक खेत में कुछ ग्रामीणों ने एक अजीबोगरीब जीव को घूमते देखा. शुरुआत में वे इसे पहचान नहीं पाए, लेकिन उसकी विशिष्ट बनावट और शर्मीले स्वभाव को देखकर उन्हें कुछ असामान्य लगा. सतर्क ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी.
वन विभाग की टीम, जिसमें वन्यजीव विशेषज्ञ भी शामिल थे, मौके पर पहुंची और सावधानीपूर्वक पैंगोलिन को रेस्क्यू किया. जांच के बाद पुष्टि हुई कि यह भारतीय पैंगोलिन है, जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत एक संरक्षित प्रजाति है. इसका मतलब है कि यह अत्यधिक संकटग्रस्त है और इसके शिकार या व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पैंगोलिन को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर लिया गया है और उसके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में वह स्वस्थ प्रतीत हो रहा है. उसे जल्द ही उसके प्राकृतिक आवास, संभवतः पन्ना टाइगर रिजर्व के किसी सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा.
क्या है पैंगोलिन?
पैंगोलिन एक निशाचर स्तनधारी जीव है, जो अपने शरीर पर शल्कों (कठोर प्लेटों) से ढका होता है. ये शल्क उसे शिकारियों से बचाने में मदद करते हैं. पैंगोलिन मुख्य रूप से चींटियां और दीमक खाते हैं और अपनी लंबी, चिपचिपी जीभ का उपयोग करके उन्हें पकड़ते हैं. दुर्भाग्य से, अवैध शिकार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी शल्कों और मांस की बढ़ती मांग के कारण इनकी आबादी तेजी से घट रही है.
पन्ना में पैंगोलिन का मिलना इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता का प्रमाण है. वन विभाग ने ग्रामीणों की जागरूकता और सहयोग की सराहना की है, जिसकी वजह से इस दुर्लभ जीव को बचाया जा सका. यह घटना वन्यजीव संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित करती है.
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